Intermittent Fasting : वजन कम करने का आसान तरीका
Introduction:
नमस्कार दोस्तों ,क्या आप आपने कभी सोचा है कि बिना जिम जाए और बिना डाइटिंग के भी वजन कम करना संभव है | अगर आपका जवाब नहीं है तो आज का यह ब्लॉकआपके लिए ही है | यह हेल्थ ट्रेंड न सिर्फ वजन घटाने में मदद करता है | बल्कि डायबिटीज , मेटाबॉलिज्म और दिल की बीमारियों से भी बचाता है | तो आईए जानते हैं यह कितना असरदार है | और इसके फायदे , नुकसान और शुरुआत करने का सही तरीका |
Intermittent Fasting क्या है?
यह कोई डाइट प्लान नहीं है | अगर सरल शब्दों में कहे तो यह “ खाने का टाइम टेबल “ है | इसमें आप दिन में कुछ घंटे का उपवास रखते हैं | और फिर सामान्य खाना खाते हैं | और इसका मकसद यह होता है कि शरीर को लंबे समय तक भूखा रखा जाए ,जिससे फैट बर्न होने की प्रक्रिया को तेज किया जा सके | जिससे मोटापे को कम किया जा सके और शरीर को स्वस्थ बनाए जा सके |
Intermittent Fasting शुरू कैसे करें?
इसको शुरू करना काफी आसान है ,जो कि कई विधि से किया जा सकता है तो आईए जानते हैं इसके बारे में -
16/8 Method : यह सबसे पॉपुलर मेथड है जिसमें 16 घंटे उपवास रखना होता है और 8 घंटे भोजन करने के लिए दिए जाते हैं | उदाहरण के लिए रात 8:00 बजे के बाद सुबह 12:00 बजे पहला भोजन करे |
टिप : इस समय नींबू पानीया बिना चीनी के चाय ले सकते हैं |
5 : 2 Diet : यह साप्ताहिक प्लान होता है | जिसमें हफ्ते में 5 दिन सामान्य खाना खाने होते हैं | और बचे दो दिन में आपको 500 - 600 कैलोरी लेनी होती है |
Eat - Stop - Eat : इस टाइम टेबल में आपको हफ्ते में एक से दो बार 24 घंटे का उपवास रखना होता है | जैसे आज के नाश्ते से अगले दिन के नाश्ते तक का उपवास रखना होता है |
Warrior Diet : इसमें आपको दिन में एक बार बाद भोजन करना होता है | और कुछ हल्के-फुल्के फल लेने होते हैं |
Intermittent Fasting के पांच जबरदस्त फायदे
वजन घटाना : इंटरमिटेंट फास्टिंग से वजन काफी तेजी से घटता है | क्योंकि फास्टिंग के दौरान शरीर फैट को एनर्जी में बदलता है |
इन्सुलिन सेंसटिविटी बढ़ाएं : इंटरमिटेंट फास्टिंगरखने से डायबिटीज का भी रिस्क कम हो जाता है |
क्योंकि इससे इन्सुलिन सेंसिटिविटी काफी बढ़ जाती है |
दिल की बीमारियों से बचाव : सबसे महत्वपूर्ण लाभ इसका यह है कि कोलेस्ट्रॉल और बीपी को कंट्रोल करता है जिसे से शरीर स्वस्थ हो जाता है |
दिमाग के सेहत पर प्रभाव : इंटरमिटेंट फास्टिंग से दिमाग पर काफी अच्छा प्रभाव पड़ता है | इसमें मेमोरी और फोकस दोनों बेहतर हो जाते हैं | जिससे हमारा दिमाग एक काम पर फोकस हो जाता है | और हम कार्य कोअच्छे तरीके से कर पाते हैं |
लंबी उम्र प्रदान करता है : जापान के नोबेल विजेता वैज्ञानिक ने बताया था कि इंटरमिटेंट फास्टिंग से पुराने सेल्स नष्ट हो जाते हैं | और नए सेल्स उत्पन्न होते हैं जिससे एजिंग भी कम होती है | और हमारे शरीर स्वस्थ भी होती है |
शुरुआत करने के लिए जरूरी टिप्स
धीरे-धीरे शुरू करें : लंबे फास्टिंग से आपके शरीर को नुकसान हो सकता है | और बिना आदत बनाएं इसे करना काफी कठिन है | इसलिए पहले 12- 14 घंटे का फास्ट रखकर शुरू करें ताकि शरीर को एडजस्ट करने के लिए समय मिल सके |
हाइड्रेटेड रहे : फास्टिंग के दौरान हाइड्रेटेड जरूर रहे इसके लिए आप नारियल पानी काला नमक वाली छाछ या हर्बलटी ले सकते हैं |
फास्टिंग के बाद ओवर ईटिंग से बच्चे : फास्टिंग के बाद भूख के कारण ओवर ईटिंग ना करें इसके बजाय खाने में प्रोटीन फाइबर और हेल्दी फैट शामिल करें |
भारतीय खाना है बेस्ट : फास्टिंग के दौरान हैवी भोजन के तौर पर दाल-चावल ,रोटी-सब्जी या पोहा-उपमा जैसी हैवी भोजन का प्रयोग करें |
सावधानियां : किसको नहीं करना चाहिए इंटरमीडिएट फास्टिंग
गर्भवती महिलाएं या स्तनपान करने वाली माताएं इन लोगों को इंटरमिटेंट फास्टिंग से बचना चाहिए |
ऐसे लोग जिन्हें लो बीपी या एनीमिया के मरीज हैं उन्हें भी यह नहीं करना चाहिए |
डायबिटीज के पेशेंट भी इंटरमीडिएट फास्टिंग करने से परहेज करें |
अगर आपको किसी प्रकार की परेशानी होती है तो तुरंत डॉक्टर से सलाह ले |
निष्कर्ष
यह एक साइंटिफिक तरीका है | सेहत को सुधारने का लेकिन यह सबके लिए नहीं है | अगर आपको कोई हेल्थ प्रॉब्लम है | तो बिना अपने डॉक्टर की सलाह से ना करें | साथ ही इसे लो लेवल से शुरू करें ताकि शरीर को एडजस्ट करने का समय मिल सके | इंटरमिटेंट फास्टिंगएक बहुत ही कारगर तरीका है अपने शरीर को स्वस्थ रखने का |
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धन्यवाद

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